अरविंद केजरीवाल रविवार को तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनेंगे। दोपहर 12.15 बजे उनके साथ मनीष सिसोदिया समेत 6 मंत्री भी रामलीला मैदान में शपथ लेंगे। आम आदमी पार्टी ने शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छोड़कर किसी अन्य नेता को न्योता नहीं दिया। आप ने दिल्ली के विकास में योगदान देने वाली 50 लोगों को समारोह में विशेष अथिति के तौर पर बुलाया है। इससे पहले शनिवार देर शाम केजरीवाल ने मंत्री पद की शपथ लेने जा रहे 6 विधायकों के साथ डिनर किया। इस दौरान मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र गौतम मौजूद थे।
रामलीला मैदान में कार्यक्रम से पहले ही सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने मंच पर पेंटिंग की। इसके अलावा इलाके में पौधरोपण और फूल लगाए गए। दिल्ली पुलिस ने इलाके की सुरक्षा के लिए पुलिसबल तैनात किया है। बताया गया है कि दिल्ली पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के दो से तीन हजार जवान समारोह स्थल के आसपास तैनात रहेंगे। सुबह 8 बजे से 2 बजे तक इलाके में ट्रैफिक डायवर्ट रहेगा।
जिन खास लोगों को न्योता दिया गया है, उनमें टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल, दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ कर आईआईटी परीक्षा पास करने वाले विजय कुमार, मोहल्ला क्लीनिक की डॉक्टर अल्का, बाइक एंबुलेंस सेवा चलाने वाले युद्धिष्ठिर राठी, नाइट शेल्टर में केयरटेकर शबीना नाज, बस मार्शल अरुण कुमार, सिग्नेचर ब्रिज के आर्किटेक्ट रतन जमशेद बाटलीबोइ और मेट्रो पायलट निधि गुप्ता शामिल हैं।
शपथ समारोह से पहले ही भाजपा विधायक विजेंदर गुप्ता ने केजरीवाल को पत्र लिखा। आरोप लगाया कि आप ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसके तहत 15 हजार सरकारी स्कूल टीचरों को शपथ ग्रहण में पहुंचना अनिवार्य किया गया है। गुप्ता ने इस सर्कुलर को तानाशाही और लोकतंत्र के खिलाफ बताया। हालांकि, मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षकों को सिर्फ न्योता दिया है। यह कोई आदेश नहीं है। भाजपा को पता ही नहीं कि टीचर्स की इज्जत कैसे करते हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को वोट डाले गए थे। 11 फरवरी को आए नतीजों में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें जीतकर सत्ता की हैट्रिक लगाई। वहीं, भाजपा को 8 सीटें मिलीं, पिछले चुनाव के मुकाबले उसे 5 सीटों का फायदा हुआ है। कांग्रेस 2015 की तरह इस बार भी खाता नहीं खोल पाई।